न्यूटन आत्री विचार
किसी स्त्री की इज्ज़त से खेलना अपने वंश को नष्ट करने की ओर एक कदम है ...
क्योंकि स्त्री ही जन्म दाता है और उसकी ही इज्ज़त न करना अपने वंश को खत्म करने के बराबर है
इसका उदहारण रावण द्वारा सीता माता का हरण करना और कौरवों द्वारा द्रोपदी का चीर हरण ...
दोनों के कुल में आज कोई नाम लेने वाला नहीं बचा है ...
जय शिव संभु
न्यूटन आत्री
++++++++++++++++++++++++++++++++++
ईश्वर द्वारा इस प्रथ्वी पर सभी को पैदा किया गया चाहे वो इन्सान हो या जानवर पशु हो या पक्षी / सभी को ईश्वर इस प्रथ्वी में जन्म देने का कारण बनते है और इस प्रथ्वी में आने के बाद सभी अपने अनुसार जीवन यापन करने लगते है इन्सान अपने लिए जरुरत की चीजों का इंतजाम करते है और जानवर और पशु पक्षी अपने अनुसार .../
फिर पता नहीं ऐसा क्योँ होता है ( मेरे अनुसार ) की एक साड़ जो की इस प्रथ्वी में सबसे अलग थलग पड़ जाता है जरा सोचिये एक साड़ को सभी किस नज़र से देखते है कोई अरे साड़ है दूर से निकलना , कोई सनकी साड़ होता है मार देता है तो जान चली जाती है ... और भी न जाने क्या क्या .. क्या इसमे साड़ का कोई दोष है ... मुझे लगता है की इसमे साड़ का तो कोई दोष ही नहीं होता है .....
लोग आज इस धरती में सुअर गधा गाय भैस बकरी और पशु पक्षी लगभग हर एक को पालते है लेकिन साड़ में ऐसा क्या बुरा है उसे कोई नहीं पालता है ?
सभी कुत्ते के आगे रोटी या खाने की चीजे डाल देंगे गाय के आंगे बकरी और इस प्रकार सुबह से लेकर शाम तक सभी जानवारो को कुछ न कुछ खाने को मिल जाता है फिर साड़ को कौन देता है कुछ खाने को और साड़ दिन भर में क्या खाता होगा क्या अपने कभी सोचा है... आप मेसे कितने लोगो ने आज तक साड़ के आंगे रोटी डाली है शायद किसी ने भी नहीं कभी भूल वश डाल दी हो तो पता नहीं वैसे नहीं डाली ये सच है ..पर ऐसा क्योँ /...सालो से सबने यही तो सिखाया है गाय हमारी माता है और उसे रोटी देना पुण्य का काम होता है .. ज्योतिषी हो या शाश्त्री सभी यही उपाय बताते है .. फिर साड़ का क्या होगा अगर गाय हमारी माता है तो साड़ भी तो पिता तुल्य हुये अगर गाय और साड़ का मिलन न हो तो क्या गाय रहेंगे इस दुनिया में शायद नहीं ...जिस धरती में गाय को माँ सामान पूजा जा रहा है वही एक साड़ को दिन में एक रोटी खिलाने वाला एक इन्सान भी नहीं वह प्रभु तेरी माया .. बल्कि दो चार डंडे पड़ ही जाते होंगे साड़ को ...
अब लोग कहते है की साड़ बड़ा गुस्सैल होता है उसे रोटी कौन डाले वो तो उठा के पटक देता है उसके आंगे तो कोई जाने की सोचता भी नहीं है .. लेकिन अगर आप इस नज़रिए से देखे तो आपको समझ में आ जायेगा की साड़ को गुस्सा क्योँ आता है ..
" एक घर में अगर पिता को घर के एक कोने में बैठाल दिया जाय और कोई उन्हे किसी भी प्रकार के कार्यकर्म में न पूछे सभी माँ को और अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ खेले और बैठे खाना खाय और साथ बैठे और पिता के पास कोई भी न जाय न ही उन्हे कुछ खाने को दिया जाय तो पिता पर क्या बीतेगी सोचिये पिता घर से बाहर खाने की तलाश में जाते है और उन्हे भी वहा निराशा हाथ लगती है और निराशा के साथ दो चार हाथ भी लगते है है और घर आने पर डाट के साथ पिटाई भी तो उस पिता पर क्या बीतेगी सोचे जरा .. फिर जो भी निकले पिता को डाटे मारे और चला जाय ,.. फिर एक दिन पिता को गुस्सा आ जायेगा और वो अपने आस पास आने वालो को अपनी आत्मरक्षा के लिए मारने से भी गुरेज़ नहीं करेंगे .. और उसके बाद ये कहने की पिता पागल हो गय है सनकी है बात बात में मार देते है उनके पास से कोई निकल भर जाय .. क्या ये सही है ..
ऐसा ही हम साड़ के साथ कर रहे है ...
अब सत्य अनुभव की बात साड़ के साथ ....
01 :- अगर कभी आपको मौका मिले तो आप साड़ की आखो में आखे डाल कर मिलाना .. अरे भाई दूर से ही पास जाने की जरुरत नहीं है क्योंकि पहले से आप डरे है और उसने कही कुछ कर दिया तो दोष मेरे ऊपर ..अगर आपकी और साड़ की आखे मिल गई तो साड़ आप से कुछ बोलेगा जरुर वो भी एक नहीं दो से तीन बार .. आप चाहे तो उसे कुछ खाने को दे दे ..
ये सत्य है ...
02 :-अगर आप के ऊपर कोई भारी संकट आ आया हो तो और कई उपाय और ज्योतिषियों को दिखाने के बाद भी सही न हो रहा हो तो नित्य एक रोटी वो भी मीठी और पानी रोजाना साड़ को दे 21 दिनों तकदे निश्चित ही लाभ होगा .. लेकिन एक सत्य बात ऐसा करने पर आपको शर्म आएगी क्योंकि लोग क्या कहंगे की हर कोई तो गाय को रोटी देता है ये साड़ को दे रहा है लेकिन आपको अपना कार्य पूर्ण करना है और देखना साड़ कितने चाव से रोटी खायेगा .. अगर एक ही साड़ को रोज़ खिलाते है तो उस साड़ को आप से मित्रता भी हो जाएगी ..
अपने अनुभव हमे जरुर लिखे ... शिव संभु
न्यूटन आत्री
-------------------------------------
मेहनत और निश्चित सफलता
अगर रोजाना एक मिनट किसी पत्थर पर पानी गिरते है तो एक दिन उस
अगर एक मिनट तक हम रोजाना किसी दीवाल पर माथा घिसेंगे तो माथे
अगर एक मिनट तक किसी जमीन पर हथौड़ा मारंगे तो एक दिन वो
फिर अगर रोजाना एक मिनट सच्चे मन से कसी भी काम को करंगे तो
न्यूटन आत्री
तबियत और नियत कभी भी ख़राब हो सकती है ..
नियत इन्सान के चरित्र को खा जाती है और ...
तबियत इन्सान के शरीर को खा जाती है .....
इसलिए मन और तन हमेशा साफ रखे ....
न्यूटन आत्री
क्योंकि स्त्री ही जन्म दाता है और उसकी ही इज्ज़त न करना अपने वंश को खत्म करने के बराबर है
इसका उदहारण रावण द्वारा सीता माता का हरण करना और कौरवों द्वारा द्रोपदी का चीर हरण ...
दोनों के कुल में आज कोई नाम लेने वाला नहीं बचा है ...
जय शिव संभु
न्यूटन आत्री
++++++++++++++++++++++++++++++++++
ईश्वर द्वारा इस प्रथ्वी पर सभी को पैदा किया गया चाहे वो इन्सान हो या जानवर पशु हो या पक्षी / सभी को ईश्वर इस प्रथ्वी में जन्म देने का कारण बनते है और इस प्रथ्वी में आने के बाद सभी अपने अनुसार जीवन यापन करने लगते है इन्सान अपने लिए जरुरत की चीजों का इंतजाम करते है और जानवर और पशु पक्षी अपने अनुसार .../
फिर पता नहीं ऐसा क्योँ होता है ( मेरे अनुसार ) की एक साड़ जो की इस प्रथ्वी में सबसे अलग थलग पड़ जाता है जरा सोचिये एक साड़ को सभी किस नज़र से देखते है कोई अरे साड़ है दूर से निकलना , कोई सनकी साड़ होता है मार देता है तो जान चली जाती है ... और भी न जाने क्या क्या .. क्या इसमे साड़ का कोई दोष है ... मुझे लगता है की इसमे साड़ का तो कोई दोष ही नहीं होता है .....
लोग आज इस धरती में सुअर गधा गाय भैस बकरी और पशु पक्षी लगभग हर एक को पालते है लेकिन साड़ में ऐसा क्या बुरा है उसे कोई नहीं पालता है ?
सभी कुत्ते के आगे रोटी या खाने की चीजे डाल देंगे गाय के आंगे बकरी और इस प्रकार सुबह से लेकर शाम तक सभी जानवारो को कुछ न कुछ खाने को मिल जाता है फिर साड़ को कौन देता है कुछ खाने को और साड़ दिन भर में क्या खाता होगा क्या अपने कभी सोचा है... आप मेसे कितने लोगो ने आज तक साड़ के आंगे रोटी डाली है शायद किसी ने भी नहीं कभी भूल वश डाल दी हो तो पता नहीं वैसे नहीं डाली ये सच है ..पर ऐसा क्योँ /...सालो से सबने यही तो सिखाया है गाय हमारी माता है और उसे रोटी देना पुण्य का काम होता है .. ज्योतिषी हो या शाश्त्री सभी यही उपाय बताते है .. फिर साड़ का क्या होगा अगर गाय हमारी माता है तो साड़ भी तो पिता तुल्य हुये अगर गाय और साड़ का मिलन न हो तो क्या गाय रहेंगे इस दुनिया में शायद नहीं ...जिस धरती में गाय को माँ सामान पूजा जा रहा है वही एक साड़ को दिन में एक रोटी खिलाने वाला एक इन्सान भी नहीं वह प्रभु तेरी माया .. बल्कि दो चार डंडे पड़ ही जाते होंगे साड़ को ...
अब लोग कहते है की साड़ बड़ा गुस्सैल होता है उसे रोटी कौन डाले वो तो उठा के पटक देता है उसके आंगे तो कोई जाने की सोचता भी नहीं है .. लेकिन अगर आप इस नज़रिए से देखे तो आपको समझ में आ जायेगा की साड़ को गुस्सा क्योँ आता है ..
" एक घर में अगर पिता को घर के एक कोने में बैठाल दिया जाय और कोई उन्हे किसी भी प्रकार के कार्यकर्म में न पूछे सभी माँ को और अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ खेले और बैठे खाना खाय और साथ बैठे और पिता के पास कोई भी न जाय न ही उन्हे कुछ खाने को दिया जाय तो पिता पर क्या बीतेगी सोचिये पिता घर से बाहर खाने की तलाश में जाते है और उन्हे भी वहा निराशा हाथ लगती है और निराशा के साथ दो चार हाथ भी लगते है है और घर आने पर डाट के साथ पिटाई भी तो उस पिता पर क्या बीतेगी सोचे जरा .. फिर जो भी निकले पिता को डाटे मारे और चला जाय ,.. फिर एक दिन पिता को गुस्सा आ जायेगा और वो अपने आस पास आने वालो को अपनी आत्मरक्षा के लिए मारने से भी गुरेज़ नहीं करेंगे .. और उसके बाद ये कहने की पिता पागल हो गय है सनकी है बात बात में मार देते है उनके पास से कोई निकल भर जाय .. क्या ये सही है ..
ऐसा ही हम साड़ के साथ कर रहे है ...
अब सत्य अनुभव की बात साड़ के साथ ....
01 :- अगर कभी आपको मौका मिले तो आप साड़ की आखो में आखे डाल कर मिलाना .. अरे भाई दूर से ही पास जाने की जरुरत नहीं है क्योंकि पहले से आप डरे है और उसने कही कुछ कर दिया तो दोष मेरे ऊपर ..अगर आपकी और साड़ की आखे मिल गई तो साड़ आप से कुछ बोलेगा जरुर वो भी एक नहीं दो से तीन बार .. आप चाहे तो उसे कुछ खाने को दे दे ..
ये सत्य है ...
02 :-अगर आप के ऊपर कोई भारी संकट आ आया हो तो और कई उपाय और ज्योतिषियों को दिखाने के बाद भी सही न हो रहा हो तो नित्य एक रोटी वो भी मीठी और पानी रोजाना साड़ को दे 21 दिनों तकदे निश्चित ही लाभ होगा .. लेकिन एक सत्य बात ऐसा करने पर आपको शर्म आएगी क्योंकि लोग क्या कहंगे की हर कोई तो गाय को रोटी देता है ये साड़ को दे रहा है लेकिन आपको अपना कार्य पूर्ण करना है और देखना साड़ कितने चाव से रोटी खायेगा .. अगर एक ही साड़ को रोज़ खिलाते है तो उस साड़ को आप से मित्रता भी हो जाएगी ..
अपने अनुभव हमे जरुर लिखे ... शिव संभु
न्यूटन आत्री
-------------------------------------
मेहनत और निश्चित सफलता
अगर रोजाना एक मिनट किसी पत्थर पर पानी गिरते है तो एक दिन उस
पत्थर पर एक छेद सा बन जायेगा
अगर एक मिनट तक हम रोजाना किसी दीवाल पर माथा घिसेंगे तो माथे
पर निशान पड़ जायेगा
अगर एक मिनट तक किसी जमीन पर हथौड़ा मारंगे तो एक दिन वो
जमीन चिटक जाएगी
फिर अगर रोजाना एक मिनट सच्चे मन से कसी भी काम को करंगे तो
एक दिन निश्चित सफलता मिलेगी ..
न्यूटन आत्री
तबियत और नियत कभी भी ख़राब हो सकती है ..
नियत इन्सान के चरित्र को खा जाती है और ...
तबियत इन्सान के शरीर को खा जाती है .....
इसलिए मन और तन हमेशा साफ रखे ....
न्यूटन आत्री
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
मनुष्य के जीवन में दुःख नाम की कोई वस्तु ही नहीं होती है
जो उसके जीवन में दुःख स्वरुप होता है
वो दूसरो की खुशिया होती है ,जिन्हे देख कर वो खुद को कष्ट पहुचता है
और दुखी होता है की अमुख वस्तु मेरे पास नहीं है ...
इसलिए अपने सुखो से सुखी हो नाकि दूसरो के सुखो से दुखी ...