-:BOOK OF GOD :-
-: ईश्वर की पुस्तक
:-

ईश्वर जब हमे जन्म देता है तो एक पुस्तक भी हमारे साथ दे देता है है ..जिस पुस्तक के प्रष्टो को हमे खुद भरना होता है ..या यु कहे की यही हमारा होम वर्क या गृह कार्य होता है ...जैसा की स्कूल में होता है एक मुख्या पुस्तक होती है जो की हमारे गुरु जन के पास होती है और गुरु जन या अध्यापक उस पुस्तक से हमे साल भर पढ़ाते है और पूरी पुस्तक से जो मुख्या पाठ होते है वो ही बताते है जो की हमे परीक्षा के समय सफल होने का मार्ग साफ करते है..और हमरे गुरु जन उस मुख्या पुस्तक से कुछ अध्याय ही पड़ते है प्रतिदिन और हमे गह कार्य या होम वर्क करके लाने के लिए कहते है .. और अगले दिन हमे उसके अनुसार ही नंबर देते है ..और जरुरत पडने पर पिटाई भी करते है ... इस प्रकार ही गुरु और महात्मा हमे ईश्वर द्वरा लिखी गई किताब का सार बताते है और उसी के अनुसार कार्य करने का प्रवचन देते है जो उसके अनुसार कार्य करता है उसे अच्छे नंबर मिलते है जो नहीं करता है उसकी पिटाई होती है ..या यु कहे उसे कष्ट मिलते है ... हम कितने चतुर है सब जानते है ये शायद प्रतेक इन्सान के जीवन की घटना होगी अपवाद छोड़ कर .. की जब हम सभी पढाई करते है तो खूब मेहनत से करते है सभी लेकिन एक गाइड होती है या गेस पेपर या फिर पेपर आउट ही हो जाता है जिसे पाने के लिए लालाइत रहते है क्यों के उसके द्वारा हम आसानी से अच्छे नंबर ला सकते है .. लेकिन क्या आप जानते है की ईश्वर जो किताब हमे देता है जिसमे हमे अपने अच्छे और बुरे कर्म लिखने होते है उसमे भी हम गेस पेपर और गाइड का सहारा लेते है क्यों और कैसे बताता हु ... ईश्वर जो किताब हमे देते है और हमे अपने जीवन में किये गय अच्छे और बुरे कर्म उसमे लिखने होते है लेकिन हम ज्योतिष की सलाह लेकर शोर्ट कट से आगे बढना चाहते है .. हम ज्योतिषियों से जानना चाहते है की हमारे जीवन में कष्ट क्यों है एसा बुरा क्यों हो रहा है हमरे साथ .. लेकिन पूछते समय भी उसके मन में शंका रहती है की क्या ये सही बता पायेगा ..अगर हम अच्छे कर्म करते रहेंगे और जीवन में किसी को पीड़ा नहीं पहुच्येंगे तो हमारी पुष्तक में खुशिया लिखी होनी न की कष्ट .. फिर हम प्रश्न कुंडली हस्त रेखा और अन्य माध्यमो से क्यों जानना चाहते है .या अपने कर्मो को बदलना क्यों चाहते है //क्या हम नहीं जानते की हम अपने जीवन में अच्छे कर्म कर रहे है या बुरे कर्म जानते है फिर भी करते है ये सोच कर कौन देख रहा है .. आप जब अंधरे में होते हो और कोई नज़र नहीं आता तो कौन याद आता है उस समय ईश्वर और सिर्फ ईश्वर क्यों क्योंकि वो सब जगह विद्यमान है उसके लिए अँधेरा क्या उजाला क्या .. और हम जानते है को हमे अंधरे से निकल कर उस्जलेउजाले की और ले जायेगा लेकिन बुरे कर्म करते समय हम ये नहीं सोचते की ईश्वर यहाँ भी हमे देख रहा है और उसके कैमरे से हमारी रिकार्डिंग हो रही है .... इस लिए खुद आचारण बदलो और जीना सीखो मस्त हो कर ..

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें